Ravi Ranjan

Ravi Ranjan

Monday, 9 January 2017

भारतीय रुपया के बारे में रोचक तथ्य

पैसा / Money / Rupees वास्तव में बहुत बड़ी चीज हैं, हम सब लोग अपने जीवन को अच्छे से चलाने के लिए पैसे कमाते हैं और अच्छे से जी पाते हैं पैसे के बिना ज़िन्दगी एक मायने में कहे, तो सम्भव नहीं हैं।
इस बात से कोई इनकार नहीं कर सकता कि हम सब लोग पैसो के लिए ही काम करते हैं। मेरे अनुसार पैसा सब कुछ तो नहीं परन्तु बहुत कुछ हैं तभी तो राजा भर्तृहरि ने कहा था कि पैसा अगर ईश्वर नहीं तो उसका छोटा भाई अवश्य है
पैसा ही व्यक्ति का समाज में उसकी हैसियत निर्धारित करता है और उसके सपनों को पंख भी देता है। धन की देवी लक्ष्मी की पूजा करके लोग अपार संपत्ति के मालिक होना चाहते हैं। समाज में निर्धन की स्थिति बहुत ही दयनीय मानी जाती है, इसलिए पैसे को लेकर काफी मुहावरे और लोकोक्तियाँ भी चल पड़ी जैसे पाई पाई के लिए तरसना, कौड़ी कौड़ी का मोहताज, कौड़ी के मोल, कानी कौड़ी, दो टके का आदमी, सवा रुपए का प्रसाद, एक फूटी कौड़ी नहीं दूंगा, धेले का काम नहीं करती हमारी बहु, चमड़ी जाए पर दमड़ी न जाएं, पाई पाई का हिसाब रखना।
हम सभी लोग पैसा कमाते हैं और खर्च करते हैं हम में से बहुत कम ही लोग रुपए को गौर से देखने की कोशिश करते हैं। उस पर छपे मूल्य संख्या के अलावे वह हमारे लिए कोई मायने नहीं रखता है 🙂
हम जानते हैं कि ₹500 के नकली नोट को कैसे जांचते है हम यह भी जानते हैं कि हमारे देश में RBI नाम की संस्था है जो नोटों और सिक्कों को जारी करने का काम करती है। और हम सभी इस Fact के साथ-साथ रुपये से बहुत प्रेम करते हैं। मगर क्या हम ख़ुद के द्वारा इस्तेमाल किये जाने वाले रुपयों के बारे में कुछ छिपी-अनछिपी और रोचक बातें जानते हैं?

आइये जानते हैं, भारतीय मुद्रा के बारें में बहुत ही रोचक जानकारियां

मुद्रा का चलन भारत मे छठी सदी पूर्व से ही आरम्भ हो चला था। पुरातत्व विभाग के उत्खनन से कई सदी पुरानी सिक्के हमें मिले हैं, चन्द्रगुप्त मौर्य, सातवाहन, समुद्रगुप्त, आदि के शासन काल के। अपने अस्तित्व के क्रम में सृष्टि के विकास के साथ साथ अनेक उतार चढ़ाव देखने के बाद, मुग़ल काल मे एक सही और सार्थक मुद्रा व्यवस्था प्रचलन मे आई। पण, कौड़ी आदि विभिन्न नामों से अलंकृत होता हुआ, संस्कृत शब्द से निकले रुपया पर आकर यह स्थायी नाम ग्रहण कर लिया। ग्रामीण इलाकों मे आज भी लोग इसे रूपा ही कहते हैं।
शेरशाह सूरी के शासन काल मे सर्वप्रथम रुपए का चलन प्रारम्भ हुआ था। प्रारभ मे रुपया चाँदी के ही होते थे और एक रुपया का वजन 11.34 ग्राम होता था। कालांतर मे चाँदी की कमी होने के कारण अन्य धातुओं ने इसका alternate स्थान ग्रहण किया। 1861 मे गुलाम भारत में 10 रुपए का कागजी नोट प्रयोग में आया था। 1864 में 5 का नोट और 1899 में 100 के नोट आए। पहले यह काफी भारी होते थे, इसलिए एक जगह से दूसरे जगह ले जाने में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता था, चोर डाकुओं का भी काफी खतरा था। कागज का रूप धारण कर यह काफी हल्का और सुगम हो गया।
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की स्थापना 1 अप्रेल 1935 को रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया एक्ट 1934 के अनुसार हुई थी। प्रारम्भ मे इसका कार्यालय सिर्फ कोलकाता मे था, जो 1937 मे मुंबई आ गया। पहले यह एक निजी बैंक था, किन्तु 1947 मे यह भारत सरकार का एक उपक्रम बन गया। भारत मे रिजर्व बैंक के कुल 22 क्षेत्रीय कार्यालय हैं, जिनमें अधिकांश राज्यों की राजधानी मे हैं। इसके सर्वप्रथम गवर्नर सर ओसबोर्न स्मिथ थे। स्वतंत्र भारत मे प्रथम RBI गवर्नर सर डीडी देशमुख थे। इसके वर्तमान गवर्नर श्री रघुराम राजन हैं जो की सितम्बर 4, 2016 में retire हो रहे हैं नए गवर्नर उर्जित पटेल, रघुराम राजन की जगह पदभार ग्रहण करेंगे। रिजर्व बैंक के वेव साईट का नाम है “पैसा बोलता है”।
  1. भारतीय रिजर्व बैंक ने सन् 1938 से नोटों का उत्पादन शुरु किया। वर्तमान में भारतीय रिजर्व बैंक भारत में मुद्रा जारी करने और प्रबंधन का काम करता है।
  2. लगभग सभी लोग यही समझते हैं कि नोट कागज के होते हैं लेकिन असल में ये बात सही नहीं है नोट कॉटन(Cotton) और कॉटन रग(Cotton Rag) के मिश्रण का बना होता है, यही कारण है की नोट भीगने पर गलता नहीं है।
  3. बीसवीं सदी के शुरुआती वर्षों में रुपया, ओमान, दुबई, कुवैत, बहरीन, कतर, केन्या, टंगनिका, युगांडा, त्रुसियन राज्य, शेशिलिस और मॉरीशस जैसे देशों मे भी आधिकारिक रूप से मान्य थे। बाद मे, मुद्रा का संतुलन बनाए रखने के लिए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के माध्यम से 1959 मे गल्फ रूपी या पर्सिअन गल्फ रूपी प्रारम्भ किया गया था।
  4. आप अभी भी नेपाल में भारतीय रुपये से कुछ भी खरीद सकते हैं मगर ₹500 और ₹1000 के नोट पर वहां पाबंदी है नेपाल में भारतीय ₹500 और ₹1, 000 के नोट बैन है।
  5. भारत में पहले 5 और 10 हजार के नोट भी चला करते थे, जिन्हें 1938 में बंद कर दिया गया था। इसे 1954 में फिर से शुरु किया गया और 1974 में दुबारा बंद कर दिया गया।
  6. सन 2010 और 2011 मे रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के प्लेटिनम जुबली पर 75 रुपए का, रवीन्द्रनाथ के 150 जयंती पर 150 रुपए के और वृहदेश्वर मंदिर के एक हजार वर्ष पर 1000 के सिक्के यादगार के रूप मे ढाले गए थे। इसके अलावे भी कई अन्य अवसरों पर कुछ विशेष सिक्के निकाले जाते रहे हैं।
  7. आज़ादी के बाद सिक्के तांबे के बनते थे, उसके बाद 1964 में एल्युमिनियम के और 1988 में स्टेनलेस स्टील के बनने शुरू हुए।
  8. आज़ादी के बाद लम्बे समय तक पाकिस्तान(अपनी मुहर लगाकर) भारतीय रुपयों को इस्तेमाल करता रहा, जब तक कि उन्होंने पर्याप्त मात्रा में नोट नहीं छाप लिए।
  9. एक रुपये का नोट वित्त मंत्रालय जारी करता था, जिस पर वित्त मंत्रालय के सचिव के हस्ताक्षर होते थे। 1, 2 और 5 मूल्यवर्गों के नोटों का मुद्रण बंद किया गया है क्योंकि इनका सिक्काकरण हो चुका है। According to RBI पहले जारी किये गये ऐसे नोट अभी भी संचलन में पाये जा सकते हैं और ये नोट वैध मुद्रा बने रहेंगे।
  10. महात्मा गांधी के तस्वीर वाले नोट सन 1996 से लागू किया गया है, वर्तमान में गांधीजी वाले  ₹5 ₹10, ₹20, ₹50, ₹100, ₹500 और ₹1000 के नोट प्रचलन में हैं।
  11. भारतीय नोट रंगीन होते हैं जिनमें हजार रुपए का रंग हल्का गुलाबी रंगत लिए है, और पाँच रुपए हल्का हरा। पचास रुपए के नोट पर भारतीय संसद का और 500 के नोट पर गांधी जी के दांडी मार्च का तस्वीर है।
  12. क्या RBI जितना मर्ज़ी चाहे उतनी कीमत के नोट छाप सकती हैं? नहीं!! RBI जितना मर्ज़ी चाहे उतनी कीमत के नोट नहीं छाप सकती, बल्कि वह सिर्फ ₹10000 तक के नोट छाप सकती हैं अगर इससे ज्यादा कीमत के नोट छपने हैं तो उसे रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया एक्ट, 1934 में बदलाव करना होगा। सिक्काकरण(क्वायनेज) अधिनियम, 2011 के अनुसार, 1000 तक के मूल्यवर्ग के सिक्कें जारी किये जा सकते हैं।
  13. जब हमारे पास मशीन हैं तो हम अनगिनत नोट क्यों नहीं छाप सकते? हम कितने नोट छाप सकते हैं इसका निर्धारण मुद्रा स्फीति, जीडीपी ग्रोथ, बैंक नोट्स के रिप्लेसमेंट और रिज़र्व बैंक के स्टॉक के आधार पर किया जाता हैं।
  14. एक समय पर ₹5 के सिक्कों को बांग्लादेश स्मगल किया करता था, जिससे वे रेज़र ब्लेड बनाया करता था। 5 रूपये के एक सिक्के में 6 ब्लेड बनते थे 1 ब्लेड की कीमत 2 रूपये होती थी। इससे ब्लेड बनाने वाले को अच्छा फायदा होता था इसे देखते हुए भारत सरकार ने सिक्का बनाने वाला मेटल ही बदल दिया।
  15. प्रचलित नोट में महात्मा गाँधी की जो फोटो छपती हैं वह तब खीची गई थी जब गांधीजी, तत्कालीन बर्मा और भारत में ब्रिटिश secretary के रूप में कार्यरत फ्रेडरिक पेथिक लॉरेन्स के साथ कोलकात स्थित वायसराय हाउस में मुलाकात करने गए थे यह फोटो 1996 में नोटों पर छपनी शुरू हुई थी इससे पहले महात्मा गाँधी की जगह अशोक स्तंभ छापा जाता था।
  16. ₹500 का पहला नोट सन 1987 में और ₹1000 का पहला नोट सन 2000 में बनाया गया था।
  17. 10 रूपये के सिक्के बनाने में 6.10 की लागत आती हैं।
  18. नोटों पर Serial Number इसलिए डाला जाता हैं ताकि रिज़र्व बैंक को पता रहे कि इस समय Market में कितनी currency हैं।
  19. According to RBI, भारत हर साल 2000 करोड़ currency के नोट छापता हैं।
  20. अतीत में सिक्कों की कमी के कारण RBI विदेश में भी सिक्कों के ढालने का काम करवाता था।
  21. किसी भी सिक्के की ढलाई को जानने के लिए आपको उस पर छपे हुए वर्ष के नीचे देखने की जरूरत है और वहां छपे हुए निशानों को देख कर आप इस बात को जान सकते हैं कि वो सिक्का कहां ढला है।
    सिक्कों की ढलाई मुंबई, नोएडा, कोलकाता और हैदराबाद में स्थित चार टकसालों में की जाती है।
    मुंबईहीरा (♦)
    नॉएडाडॉट (⋅)
    हैदराबादसितारा (★)
    कोलकाताकोई निशान नहीं

  22. जानिए एक नोट कितने रूपये में छपता हैं।
    ₹1 का नोट₹1.17
    ₹10 का नोट₹0.66
    ₹20 का नोट₹0.94
    ₹50 का नोट₹1.63
    ₹100 का नोट₹1.20
    ₹500 का नोट₹2.45
    ₹1000 का नोट₹2.67

  23. रुपया डॉलर के मुकाबले बेशक कमज़ोर हैं लेकिन फिर भी कुछ देश ऐसे हैं, जिनकी currency के आगे रुपया काफी बड़ा हैं आप कम पैसो में इन देशो को घुमने का लुफ्त उठा सकते हैं।
    नेपाल₹1 = 1.60 नेपाली रुपया
    आइसलैंड₹1 = 1.94 क्रोन
    श्री लंका₹1 = 2.10 श्रीलंकाई रुपया
    हंगरी₹1 = 4.27 फ़ोरिंट
    कंबोडिया₹1 = 62.34 रियाल
    पराग्वे₹1 = 84.73 गुआरनी
    इंडोनेशिया₹1 = 222.58 इंडोनेशिया रूपया
    बेलारूस₹1 = 267.97 बेलारूसी रूबल
    वियतनाम₹1 = 340.39 वियतनामी डाँग
    रूपये की अन्य देशो की मुद्राओ में मूल्य जानने की लिए यहाँ क्लिक करें
  24. एक पाई गोल, मिंट की गोली की तरह बीच से खाली होती थी, जिसे महिलाएं अपने छोटे बच्चों को बुरी नजर या जादू टोने से बचाव के लिए कमर मे भी बांध दिया करती थी।
    OLD INDIAN CURRENCY SYSTEM
    Phootie Cowrie to Cowrie
    Cowrie to Damri
    Damri to Dhela
    Dhela to Pie
    Pie to Paisa
    Paisa to Rupya
    256 Damri = 192 Pie = 128 Dhela = 64 Paisa (old) = 16 Anna = 1 Rupya
  25. आजादी के समय रुपये को आनों में बांट दिया गया। 16 आने से एक रुपया बना। आने को फिर 4 पैसों और 12 पाई में बांटा गया। आजकल रुपया पैसों में बांटा जाता है जिसमें 1 रुपये में 100 पैसे होते हैं।
  26. वर्तमान मे भारतीय मुद्रा की सबसे छोटी इकाई 50 पैसे का सिक्का है।
  27. भारतीय मुद्रा छापने का अधिकार केवल भारत सरकार को है नोटों का मुद्रण नासिक, देवास, मैसूर और सालबोनी में स्थित चार मुद्रण प्रेसों में किया जाता है।
  28. नोट पर कुल 17 भाषाएँ लिखी होती हैं, हिंदी और English तो आपको सामने ही दिख जाएगी। लेकिन पीछे 15 और भाषाएँ होती हैं वो भाषाएँ नीचे हैं ऊपर से नीचे इनका क्रम इस प्रकार है – असमिया, बंगला, गुजराती, कन्नड़, कश्मीरी, कोंकणी, मलयालम, मराठी, नेपाली, उड़िया, पंजाबी, संस्कृत, तमिल, तेलुगु और उर्दू।
  29. सन् 2010 में भारतीय रुपये का प्रतीक अपनाया गया। जो डी उदय कुमार ने बनाया था। इस प्रतीक को बनाने में लैटिन अक्षर ‘आर’ और देवनागरी के अक्षर ‘र’ का उपयोग हुआ है जिसमें दो लाइनों से भारतीय राष्ट्रीय ध्वज का प्रतिनिधित्व होता है। माइक्रोसॉफ्ट वर्ड फाइल में INR का symbol  टाइप करने के लिए Type 20b9 and then press Alt + x
  30. अगर आपके पास फटा नोट है, या फ़िर फटे हुए नोट का 51 % हिस्सा है तो आप इस नोट को बैंक में नए नोट से बदल सकते हैं।
  31. सन् 1917 में रुपया डॉलर के मुकाबले मजबूत था। ₹1 = 13 अमरीकी $
  32. फिर 1947 में 1 डॉलर मात्र 3.30 रुपये का था फिर धीरे धीरे भारत पर क़र्ज़ बढ़ने लगा तो इंदिरा गाँधी ने क़र्ज़ चुकाने के लिए रूपये की कीमत कम करने का फैसला लिया और उसके बाद रूपये की कीमत घटती आ रही हैं। आज 1 डॉलर लगभग 67 रुपये का है।
  33. अगर अंग्रोजो का बस चलता तो आज भारत की currency पौण्ड होती लेकिन रुपयों की मजबूती के कारण ऐसा नहीं हो पाया।
  34. RBI द्वारा भारतीय मुद्रा को सुरक्षा की दृष्टि से बेहद गोपनीय बनाया जाता है, ताकि इसकी नकल नहीं की जा सके। फिर भी कभी कभी नकली नोट बाज़ार मे आ जाते हैं, जिन्हें रोकने के लिए समय समय पर इसमें फेर बदल भी किया जाता रहा है। इसमें प्रयुक्त होने वाले स्याही, वाटर मार्क, सुरक्षात्मक धागा, गुप्त चिन्ह, फ्लुरोसेंट आदि के माध्यम से इसे मजबूत बनाया जाता है। सन 2005 से इस पर ईसवी भी अंकित किया जाने लगा है फिर भी अभी अनुमानित इस समय भारत में 400 करोड़ रूपये के नकली नोट हैं।
  35. सुरक्षा कारणों की वजय से आपको नोट के serial नंबर में I J O X Y Z अक्षर नहीं मिलेंगे।
  36. सारे नोट ख़ुद में भारतीयता की छवि को समेटे होते हैं। जैसे कि 20₹ में अंडमान द्वीप की छवि अंकित है। वही 10 के नोट में हाथी गैंडा और शेर छपा हुआ हैं।
  37. एक रूपये में 100 पैसे होंगे ये बात सन 1957 में लागु की गई थी इससे पहले इसे 16 आने में बाटा जाता था ये दशमलवकरण कहा गया था।
  38. एक समय पर भ्रष्टाचार से लड़ने के लिए ₹0 का नोट 5thpillar नाम की गैर सरकारी संस्था द्वारा जारी किए गए थे।
  39. “मैं अदा करने का वचन देता हूँ” इस खंड का अर्थ क्या है?
    • भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 26 के अनुसार, भारतीय रिज़र्व बैंक बैंकनोट का मूल्य अदा करने के लिए जिम्मेदार है। भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा, मांग पर यह अदायगी बैंक नोट जारीकर्ता होने के नाते है। भारतीय रिज़र्व बैंक पर बैंकनोट के मूल्य की अदायगी का यह दायित्व किसी संविदा के कारण नहीं अपितु सांविधिक प्रावधानों के कारण है।
    • बैंकनोट पर मुद्रित वचन खण्ड अर्थात “मैं धारक को “x” रुपये अदा करने का वचन देता हूँ” एक वचन है जिसका अर्थ है कि वह बैंकनोट उस निर्दिष्ट राशि के लिए विधि मान्य मुद्रा है। भारतीय रिज़र्व बैंक का दायित्व है कि वह उस बैंकनोट के विनिमय में उसके मूल्य के बराबर राशि के निम्न मूल्यवर्ग के बैंकनोट अथवा भारतीय सिक्काकरण अधिनियम, 2011 के अंतर्गत विधि मान्य अन्य सिक्के दें।
  40. महात्मा गांधी श्रृंखला – 1996 में बैंक नोट  5(नवंबर 2001 में जारी),  10 (जून 1996),  20 (अगस्त 2001),  50 (मार्च 1997),  100 (जून 1996),  500 (अक्तूबर 1997) और 1000 (नवंबर 2000) मूल्यवर्ग में जारी किये गये।
  41. प्रत्येक मूल्यवर्ग अलग-अलग आकार का है। नोट का मूल्य जितना अधिक होता है, उसके अनुसार नोट का आकार बढ़ता है। अत:  1000 का नोट  10 के नोट से बड़ा है और यही व्यवस्था अन्य मूल्यवर्ग के नोटों के लिए भी है। प्रत्येक नोट के अग्रभाग पर वाटर मार्क विंडो की बायीं ओर उन्नत मुद्रण (इंटेग्लियों) में एक पहचान चिन्ह है और जो विभिन्न मूल्यवर्ग के लिए अलग अलग आकार की हैं जैसे की  1000 के बैंकनोट में हीरा,  500 के नोट में वृत्त,  100 के नोट में त्रिभुज,  50 के नोट में वर्गाकार,  20 के नोट में लम्बवत आयाताकार और  10 के लिए कुछ भी नहीं है। इसके अलावा, उन्नत मुद्रण में नोटों के मध्य भाग में मूल्यवर्गीय अंक प्रमुखतः दिखाई देता है।
    indian-currency-notes
  42. रिज़र्व बैंक आम जनता को अच्छी गुणवत्ता वाले बैंकनोट उपलब्ध कराने के लिए निरंतर प्रयास कर रहा है। भारतीय रिज़र्व बैंक और बैंकिंग प्रणाली की मदद करने के लिये आम जनता को यह अनुरोध किया जाता है कि वे कृपया निम्नलिखित का अनुपालन करें।
    • बैंक नोटों को स्टैपल न करें।
    • बैंक नोटों पर न लिखें /बैंकनोटों पर रबड़ की मुहर अथवा अन्य कोई चिन्ह न लगाये।
    • बैंकनोटों का उपयोग मालाएं/खिलौने बनाने, पंडालों या पूजा स्थलों को सजाने या सामाजिक कार्यक्रमों आदि में विशेष व्यक्तियों पर बरसाने के लिए न किया जाये।

No comments:

Post a Comment