भारत में बहुदलीय प्रणाली बहु-दलीय पार्टी व्यवस्था है जिसमें छोटे क्षेत्रीय दल अधिक प्रबल हैं। राष्ट्रीय पार्टियां वे हैं जो चार या अधिक राज्यों में मान्यता प्राप्त हैं। उन्हें यह अधिकार भारत के चुनाव आयोग द्वारा दिया जाता है, जो विभिन्न राज्यों में समय समय पर चुनाव परिणामों की समीक्षा करता है। इस मान्यता की सहायता से राजनीतिक दल कुछ पहचानों पर अपनी स्थिति की अगली समीक्षा तक विशिष्ट स्वामित्व का दावा कर सकते हैं जैसे की पार्टी चिन्ह।
भारतीय संविधान के अनुसार भारत में संघीय व्यवस्था है जिस में नयी दिल्ली में केन्द्र सरकार तथा विभिन्न राज्यों व केन्द्र शासित राज्यों के लिए राज्य सरकार है। इसीलिए, भारत में राष्ट्रीय व राज्य (क्षेत्रीय), राजनीतिक दलों का वर्गीकरण उनके क्षेत्र में उनके प्रभाव के अनुसार किया जाता है।
राजनीतिक दलों का पंजीकरण कौन करता है?
राजनीतिक दलों का पंजीकरण निर्वाचन आयोग द्वारा किया जाता है और पंजीकृत राजनीतिक दलों, चाहे राष्ट्रीय स्तर के हों या राज्य-स्तर के हों, को आरक्षित चुनाव चिह्न आबंटित किया जाता है। 1952 में निर्वाचन आयोग द्वारा 14 दलों को राष्ट्रीय दल के रूप में तथा 60 दलों को राज्य स्तरीय दल के रूप में मान्यता दी गयी थी। 30 सिंतबर, 2000 को निर्वाचन आयोग द्वारा मार्क्सवादी कम्युनिष्ट पार्टी, जनता दल (यूनाइटेड) और जनता दल (सेकुलर) का राष्ट्रीय राजनीतिक दल का दर्जा समाप्त करने के निर्णय के कारण यह संख्या घटकर क्रमश: 4 और 48 हो गयी। बाद में 1 दिसम्बर, 2000 को निर्वाचन आयोग द्वारा चुनाव चिह्न (आरक्षण एवं आवंटन), 1968 में संशोधन की घोषण करते हुए मार्क्सवादी कम्युनिष्ट पार्टी को राष्ट्रीय दल की मान्यता प्रदान कर दी। इस प्रकार वर्तमान में राष्ट्रीय राजनीतिक दलों की संख्या बढ़कर 5 और राज्य स्तरीय राजनीतिक दल की संख्या 47 हो गई है। इनके अतिरिक्त भारत में पंजीकृत लेकिन गैर-मान्यता प्राप्त 612 राजनीतिक दल हैं।
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निर्वाचन आयोग द्वारा राजनीतिक दलों को मान्यता कैसे प्रदान होती है?
राजनीतिक दलों को मान्यता निर्वाचन आयोग द्वारा इसके लिए घोषित “निर्वाचन प्रतीक (आरक्षण और आबंटन) आदेश, 1968 के अधीन बनाये गये नियमों के अनुसार प्रदान की जाती है। जो राजनीतिक दल मान्यता प्राप्त राजनीतिक दल के रूप में अपना पंजीकरण कराना चाहता है वह इसके लिए आयोग के समक्ष आवेदन करता है।
राष्ट्रीय पार्टी:
एक मान्यता प्राप्त पार्टी को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा तभी प्रदान किया जा सकता है यदि वह निम्नलिखित तीन में से किसी एक शर्त को पूरा करती है:
- उस राजनीतिक दल को तीन अलग-अलग राज्यों की लोकसभा (11 सीटों) की 2 प्रतिशत सीटें प्राप्त हुई हों।
- लोकसभा या विधानसभा के किसी आम चुनाव में उस राजनीतिक दल को 4 राज्यों के कुल मतों में से 6 प्रतिशत मत प्राप्त हुए हों और उसने लोकसभा की 4 सीटें जीती हों।
- किसी राजनीतिक दल को 4 या अधिक राज्यों में राज्य स्तरीय दल के रूप में मान्यता प्राप्त हो।
भारत के सभी राष्ट्रीय पार्टियों की सूची:
राजनीतिक दल का नाम | गठन/स्थापना कब हुई |
भारतीय जनता पार्टी (BJP) | 1980 |
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (INC) | 1885 |
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (CPM) | 1964 |
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (CPI) | 1925 |
बहुजन समाज पार्टी (BSP) | 1984 |
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) | 1999 |
क्षेत्रीय पार्टी:
किसी राजनीतिक दल को किसी राज्य में मान्यता प्राप्त राजनीतिक दल तभी माना जाएगा यदि वह निम्नलिखित में से कोई एक शर्त पूरी करता हो:-
- किसी आम चुनाव में या विधानसभा चुनाव में उस दल ने राज्य विधानसभा की 3 प्रतिशत सीटों (कम से कम तीन सीटों) पर चुनाव जीता हो।
- लोकसभा या विधानसभा के किसी आम चुनाव में उस राजनीतिक दल ने उस राज्य के हिस्से की प्रति 25 लोकसभा सीटों पर एक लोकसभा सीट जीती हो।
- लोकसभा या विधानसभा के किसी आम चुनाव में किसी राज्य में उस राजनीतिक दल को कम से कम 6 प्रतिशत मत प्राप्त हुए हों। इसके अलावा उस दल ने उस राज्य से एक लोकसभा सीट या 2 विधानसभा सीटों पर चुनाव जीता हो।
- लोकसभा या विधानसभा के किसी आम चुनाव में उस राजनीतिक दल को उस राज्य में 8 प्रतिशत मत मिले हों।
भारत में क्षेत्रीय पार्टियों की सूची:
राजनीतिक दल का नाम | गठन/स्थापना कब हुई | राज्य/केन्द्रशासित प्रदेश |
आम आदमी पार्टी (AAP) | 2012 | दिल्ली, पंजाब |
ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (AIADMK) | 1972 | पुदुचेरी, तमिलनाडु |
ऑल इंडिया फॉरवर्ड ब्लॉक (AIFB) | 1939 | पश्चिम बंगाल |
ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) | 1927 | तेलंगाना |
ऑल इंडिया एन. आर. कांग्रेस (AINRC) | 2011 | पुदुचेरी |
ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (AIUDF) | 2004 | असम |
ऑल झारखण्ड स्टूडेंट यूनियन (AJSU) | 1986 | झारखण्ड |
असम गण परिषद (AGP) | 1985 | असम |
बीजू जनता दल (BJD) | 1997 | ओडिशा |
बोडोलैंड पीपुल्स फ्रंट (BPF) | 1985 | असम |
देसिया मुरपोक्कु द्रविड़ कड़गम (DMDK) | 2005 | तमिलनाडु |
द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (DMK) | 1949 | पुदुचेरी, तमिलनाडु |
हरियाणा जनहित कांग्रेस (बीएल) (HJC(BL)) | 2007 | हरियाणा |
हिल स्टेट पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (HSPDP) | 1968 | मेघालय |
इन्डियन नेशनल लोक दल (INLD) | 1999 | हरियाणा |
इन्डियन नेशनल मुस्लिम लीग (IUML) | 1948 | केरल |
जम्मू-कश्मीर नेशनल कान्फ्रेंस (JKNC) | 1932 | जम्मू-कश्मीर |
जम्मू-कश्मीर नेशनल पेंथर्स पार्टी (JKNPP) | 1982 | जम्मू-कश्मीर |
जम्मू-कश्मीर पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (JKPDP) | 1998 | जम्मू-कश्मीर |
जनता दल (सेक्युलर) (JD(S)) | 1999 | कर्नाटक, केरल |
जनता दल (यूनाइटेड) (JD(U)) | 1999 | बिहार |
झारखण्ड मुक्ति मोर्चा (JMM) | 1972 | झारखण्ड |
झारखण्ड विकास मोर्चा (प्रजातांत्रिक) (JVM(P)) | 2006 | झारखण्ड |
केरल कांग्रेस (एम) (KC(M)) | 1979 | केरल |
लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) | 2000 | बिहार |
महाराष्ट नवनिर्माण सेना (MNS) | 2006 | महाराष्ट्र |
महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी (MGP) | 1963 | गोवा |
मणिपुर स्टेट कांग्रेस पार्टी (MSCP) | 1997 | मणिपुर |
मिजो नेशनल फ्रंट (MNF) | 1959 | मिजोरम |
मिजोरम पीपुल्स कांफ्रेंस (MPC) | 1972 | मिजोरम |
नागा पीपुल्स फ्रंट (NPF) | 2002 | मणिपुर, नागालैंड |
नेशनल पीपुल्स पार्टी (NPP) | 2013 | मेघालय |
पट्टाली मक्कल काची (PMK) | 1989 | पुदुचेरी, तमिलनाडु |
अरुणाचल पीपुल्स पार्टी (PPA) | 1987 | अरुणाचल प्रदेश |
राष्ट्रीय जनता दल (RJD) | 1997 | बिहार, झारखण्ड |
राष्ट्रीय लोक दल (RLD) | 1996 | उत्तर प्रदेश |
राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (RLSP) | 2013 | बिहार |
रिवोल्यूशनरी सोशिलिस्ट पार्टी (RSP) | 1940 | केरल, पश्चिम बंगाल |
समाजवादी पार्टी (SP) | 1992 | उत्तर प्रदेश |
शिरोमणि अकाली दल (SAD) | 1920 | पंजाब |
शिव सेना (SS) | 1966 | महाराष्ट्र |
सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट (SDF) | 1993 | सिक्किम |
सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा (SKM) | 2013 | सिक्किम |
तेलंगाना राष्ट्र समिति (TRS) | 2001 | तेलंगाना |
तेलगू देशम पार्टी (TDP) | 1982 | आंध्र प्रदेश, तेलंगाना |
यूनाइटेड डेमोक्रेटिक पार्टी (UDP) | 1972 | मेघालय |
वाईएसआर कांग्रेस पार्टी (YSRCP) | 2011 | आंध्र प्रदेश, तेलंगाना |
समाजवादी जनता पार्टी (राष्ट्रीय) (SJP) | 1990 | उत्तर प्रदेश |
भारतीय राजनीति में कई पार्टियों के मौजूद होने से राजनीतिक अस्थिरता को बढ़ावा मिलता है क्योंकि कई पार्टियों के चुनाव लड़ने से मतदाता असमंजश की स्थिति में आ जाता है। इस कारण किसी भी पार्टी को पूर्ण बहुमत नही मिल पाता है और गठबंधन की सरकार बनती है जिससे सरकार कमजोर होती है और उसमे कड़े फैंसले लेने की ताकत नही होती है। इस तरह के माहौल में सही लोकतंत्र की स्थापना नही हो पाती है।
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