मिश्र धातु | संगठन | प्रमुख उपयोग |
सोल्डर | टिन तथा लैड | टांका लगाने में |
कांसा | कॉपर तथा टिन | बर्तन, मूर्तियाँ आदि बनाने में |
टाइप मैटल | टिन, लैड तथा एन्टिमनी | छपाई में |
ब्युटन | टिन, लैड | बर्तन बनाने में |
बैल मैटल | कॉपर, टिन | घण्टे, पुर्जे |
गन मैटल | कॉपर,टिन,जिंक | बंदूकें, हथियार, मशीनों के पुर्जे |
पीतल | कॉपर, जिंक | तार, मशीनों के पुर्जे,बर्तन |
एल्युमिनियम ब्रांज | कॉपर,एल्युमिनियम | सिक्के, सस्ते आभूषण |
जर्मन सिल्वर | कॉपर,जिंक, निकिल | बर्तन, मूर्तियाँ आदि |
कॉन्सटेनटन | कॉपर, निकिल | तार,विद्दुतीय यंत्र |
डैंटल मिश्र धातु | सिल्वर, मरकरी, जिंक, टिन | दांतों में भरने के लिए |
स्टेनलैस स्टील | आयरन, क्रोमियम,निकिल | बर्तन,चिकित्सा के औजार |
एल्नीको | आयरन, एल्युमिनियम, निकिल | स्थाई चुम्बक |
मैग्नेलियम | मैग्नीशियम, एल्युमिनियम | वायुयान तथा जहाजो को बनाने में |
Ravi Ranjan
Saturday, 21 January 2017
मिश्र धातुएं और उनके उपयोग
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