रोग | प्रभावित अंग | लक्षण | जीवाणु/विषाणु |
निमोनिया | फेफड़े | फेफड़ों में संक्रमण,फेफड़ों में जल भर जाना,तीव्र ज्वर,श्वास लेने में पीड़ा | डिप्लोकोकस न्यूमोनी |
टिटेनस | तंत्रिका तंत्र तथा मांसपेशियां | शरीर में झटके लगना,जबड़ा ना खुलना.बेहोशी | क्लास्ट्रीडियम टिटैनी |
हैजा | आंत या आहार नाल | निर्जलीकरण,वमन,दस्त | विब्रिओ कॉलेरी |
डिप्थीरिया | फेफड़े | तीव्र ज्वर,श्वास लेने में पीड़ा,दम घुटना | कोरीनेबैक्टीरियम डिफ्थेरी |
काली खांसी | स्वसन तंत्र | निरंतर आने वाली तेज़ खांसी,खांसी के साथ वमन | हिमोफिलस परटूसिस |
सिफिलिस | जनन अंग, मस्तिस्क तंत्रिका तंत्र | जनांगों पर चकत्ते बनना,लकवा,त्वचा पर दाने,बालों का झड़ना | ट्रेपोनेमा पैलिडम |
प्लेग | बगलें या काखें, फेफड़े, लाल रुधिर कणिकाएं | तीव्र ज्वर,कंखो में गिल्टी का निकलना,बेहोशी | पाश्चुरेला पेस्टिस |
मेनिनजाइटिस | मस्तिष्क के ऊपर की झिल्लियाँ, मस्तिष्क तथा स्पाइनल कार्ड | तीव्र ज्वर,बेहोशी,मस्तिष्क की झिल्ली में सूजन, | निशेरिया मेनिंजाइटिडिस |
मियादी बुखार | आंत का रोग | ज्वर,दुर्बलता,अधिक प्रकोप होने पर आँतों में छेड़ हो जाना | सालमोनेला टाइफी |
कुष्ट/कोढ़ | त्वचा एवं तंत्रिका कोशिकाएं | व्रणों तथा गांठो का बन जाना,हाथ पैर की अँगुलियों के ऊतकों का धीरे-धीरे नष्ट होना | माइकोबैक्टीरियम लेप्री |
क्षय रोग | शरीर का कोई भी अंग, विशेषकर फेफड़े | ज्वर,खांसी,दुर्बलता,साँस फूलना,बलगम आना तथा ठुक में खून आना | माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरकुलोसिस |
स्वाइन फ्लू | सम्पूर्ण शरीर | कंपकपी या बगैर कंपकपी के ज्वर, गले में खरास, साँस लेने में तकलीफ, वामन एवं थकान | H1 N1 फ्लू विषाणु (अर्थोमिक्सोवायरस) |
एबोला विषाणु सम्पूर्ण शरीर | रक्तस्रावी ज्वर, सर दर्द, गले में खरास, अतिसार, वृक्क तथा यकृत की अक्रियशीलता, बाह्र्य एवं आंतरिक स्राव | एबोला विषाणु ( फाइलोंविषाणु) |
Ravi Ranjan
Saturday, 21 January 2017
विषाणु और जीवाणु द्वारा मनुष्य मे होने वाले रोग
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