Ravi Ranjan

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Saturday, 21 January 2017

विषाणु और जीवाणु द्वारा मनुष्य मे होने वाले रोग


रोगप्रभावित अंगलक्षणजीवाणु/विषाणु
निमोनियाफेफड़ेफेफड़ों में संक्रमण,फेफड़ों में जल भर जाना,तीव्र ज्वर,श्वास लेने में पीड़ाडिप्लोकोकस न्यूमोनी
टिटेनसतंत्रिका तंत्र तथा मांसपेशियांशरीर में झटके लगना,जबड़ा ना खुलना.बेहोशीक्लास्ट्रीडियम टिटैनी
हैजाआंत या आहार नालनिर्जलीकरण,वमन,दस्तविब्रिओ कॉलेरी
डिप्थीरियाफेफड़े तीव्र ज्वर,श्वास लेने में पीड़ा,दम घुटनाकोरीनेबैक्टीरियम डिफ्थेरी
काली खांसीस्वसन तंत्रनिरंतर आने वाली तेज़ खांसी,खांसी के साथ वमनहिमोफिलस परटूसिस
सिफिलिसजनन अंग, मस्तिस्क तंत्रिका तंत्रजनांगों पर चकत्ते बनना,लकवा,त्वचा पर दाने,बालों का झड़नाट्रेपोनेमा पैलिडम
प्लेगबगलें या काखें, फेफड़े, लाल रुधिर कणिकाएंतीव्र ज्वर,कंखो में गिल्टी का निकलना,बेहोशीपाश्चुरेला पेस्टिस
मेनिनजाइटिसमस्तिष्क के ऊपर की झिल्लियाँ, मस्तिष्क तथा स्पाइनल कार्डतीव्र ज्वर,बेहोशी,मस्तिष्क की झिल्ली में सूजन,निशेरिया मेनिंजाइटिडिस
मियादी बुखारआंत का रोगज्वर,दुर्बलता,अधिक प्रकोप होने पर आँतों में छेड़ हो जानासालमोनेला टाइफी
कुष्ट/कोढ़त्वचा एवं तंत्रिका कोशिकाएंव्रणों तथा गांठो का बन जाना,हाथ पैर की अँगुलियों के ऊतकों का धीरे-धीरे नष्ट होनामाइकोबैक्टीरियम लेप्री
क्षय रोगशरीर का कोई भी अंग, विशेषकर फेफड़ेज्वर,खांसी,दुर्बलता,साँस फूलना,बलगम आना तथा ठुक में खून आनामाइकोबैक्टीरियम ट्यूबरकुलोसिस
स्वाइन फ्लूसम्पूर्ण शरीरकंपकपी या बगैर कंपकपी के ज्वर, गले में खरास, साँस लेने में तकलीफ, वामन एवं थकानH1 N1 फ्लू विषाणु (अर्थोमिक्सोवायरस)
एबोला विषाणु सम्पूर्ण शरीररक्तस्रावी ज्वर, सर दर्द, गले में खरास, अतिसार, वृक्क तथा यकृत की अक्रियशीलता, बाह्र्य एवं आंतरिक स्रावएबोला विषाणु ( फाइलोंविषाणु)

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